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Channel: Podcast – p4poetry
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वो गीत नहीं गा पाया ….! (गीत)

वो गीत नहीं गा पाया ….!   इक गीत था लिखना चाहा, वो गीत नहीं लिख पाया, दिल खोल के गाना चाहा, वो गीत नहीं गा पाया…..!   जिसकी हर इक पंक्ती में, अविरत उत्साह भरा हो, जैसे हारे राही को, मंजिल ख़ुद आन मिली...

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गीत मैं तेरे लिखूँ, हाये, मैं काबिल कहाँ ….!(गीत)

https://www.p4poetry.com/wp-content/uploads/2012/03/Tum-Haseen-badi-hansiin-ho-N.mp3 https://soundcloud.com/gaitondev-1/tum-hasiin-badi-hasiin-ho   गीत  मैं  तेरे  लिखूँ, हाये,  मैं  काबिल  कहाँ...

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माका तुजो मोग आसा ….! ( कोंकणी गीत )

  ( कोंकणी गीत ) माका तुजो मोग आसा ….! माका तुजो मोग आसा, तुका खबर ना म्हजे मनात आसा तू , तुका खबर ना …! कितल्यो चल्यो आसात मुखार मज्या, पुण तूंच कित्या माका आवडता , तुजो ध्यास माका दीस रात कित्या,...

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तेरे  ही  आसपास  कल्पना  कवि  की  है…!

https://www.p4poetry.com/wp-content/uploads/2009/05/tere-hii-aaspaas-rac1.mp3 तेरे  ही  आसपास……! तेरे  ही  आसपास  कल्पना  कवि  की  है, कल्पना  कवि  की  है,   वंचना  कवि  की  है, वंचना  कवि  की  है,...

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पल पल जपूँ मै तेरा नाम…!(भक्तिगीत)

“नाम साधना” की कुछ अनुभूतियों में से अपनेआप उभरा ये भक्तिगान, जिस तर्ज में उभरा उसी में गा कर इसे podcast करने की ये कोशिश है. आशा है ये गीत आपको भी आनंद दे, उतना ही जितना इसने और इसके तात्पर्य ने मुझे...

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मेरे जीवन का हर इक पल …….! (भक्तिगीत)

मेरे जीवन का हर इक पल …….! (भक्तिगीत) मेरे जीवन का हर इक पल, तेरा ही अधिकार, कर ले तू स्वीकार, हे प्रभु, तू ही मेरा आधार……. नाम तेरा मन मन जपता हूँ, ज्ञान तुम्हीसे ही पाता हूँ, काज तेरे करता रहता हूँ...

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दुढुम  दुढुम  बाजे, ये  NEW YEAR है आज .. .!

  दुढुम  दुढुम  बाजे, ये  NEW YEAR है आज .. .! दुढुम  दुढुम  बाजे, दिल ये मेरा नाचे, तू क्यूँ वहां चुप सी खडी आओ मेरे पास, आय रे आय, नाचो नाचो आज, देखो ये प्यारी पार्टी है, NEW YEAR  की आज आय रे आय,...

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भगवन, मेरे भगवन, तू सब का सहारा है..!

  भगवन, मेरे भगवन,तू सब का सहारा है ,…..! भगवन, मेरे भगवन, तू सब का सहारा है, तुझे चिंता है हम सब की, तू सब में समाया है…….. भगवन, मेरे भगवन, तू सबका सहारा है…….! सुंदर ये सुबह, चिडियों की चहक, शीतल ये...

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प्रेमी की व्यथा….!

This Hindi poem has been composed as a situational Love Song. An upset & dejected lover is lonely, sitting on a sea-shore watching waves coming & caressing the rocks which remain unmoved....

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तुम  संग  प्रीत  लगाई….!

( This is composed as a  Hindi Bhakti Geet, posted with its Podcast, and sung with Harmonium accompaniment to acquaint listeners with the tune in which this Geet emerged.)...

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